खाटू श्याम मंदिर राजस्थान के सीकर जिले में स्थित है और यह मंदिर खासतौर पर निम्नलिखित कारणों से प्रसिद्ध है:
1. 🕉 बरबरिक की कथा (महाभारत से जुड़ी):
• खाटू श्याम जी वास्तव में महाभारत के महान योद्धा बरबरिक हैं, जो भीम के पोते और घटोत्कच के पुत्र थे।
• बरबरिक ने भगवान श्रीकृष्ण को वचन दिया था कि वे युद्ध में केवल कमजोर पक्ष का साथ देंगे। उनकी शक्ति इतनी महान थी कि वे अकेले ही युद्ध का परिणाम बदल सकते थे।
• श्रीकृष्ण ने उनकी परीक्षा लेने के बाद उनका सिर दान में मांगा, जिसे बरबरिक ने खुशी-खुशी दे दिया।
• श्रीकृष्ण ने उन्हें वरदान दिया कि कलियुग में वे श्याम के नाम से पूजे जाएंगे और जो भी सच्चे मन से उन्हें याद करेगा, उसकी मनोकामना पूर्ण होगी।
2. 🌟 'शेष कलियुग के भगवान' की मान्यता:
• भक्त उन्हें 'खाटू श्याम जी' के रूप में पूजते हैं और मानते हैं कि वे कलियुग में जल्दी प्रसन्न होने वाले देवता हैं।
• उनकी कृपा से भक्तों की सभी इच्छाएं पूरी होती हैं, इसलिए उन्हें 'हारे का सहारा' भी कहा जाता है।
3. 🏛 मंदिर की दिव्यता और वास्तुकला:
• मंदिर संगमरमर और सोने के काम से सजा हुआ है।
• मुख्य प्रतिमा का चेहरा वो ही है जो बरबरिक का कटा हुआ सिर था, और यह अत्यंत प्रभावशाली और चमत्कारी माना जाता है।
4. 🙏 विशेष मेले और उत्सव:
• फाल्गुन महीने (फरवरी-मार्च) में विशाल फाल्गुन मेला लगता है, जब लाखों भक्त दर्शन करने आते हैं।
• रथ यात्रा और संकीर्तन भी बड़े धूमधाम से मनाए जाते हैं।
5. 🎁 मनोकामना पूर्ण करने वाले देव:
• मान्यता है कि जो भी भक्त सच्चे मन से अपनी मनोकामना लेकर आते हैं, खाटू श्याम जी उनकी प्रार्थना अवश्य सुनते हैं।
• लोग निशान (ध्वज) लेकर पैदल यात्रा करते हुए मंदिर पहुंचते हैं।